भा. मा. स. प्रकाशन पर सार (मई 2000)
भा. मा. स. प्रकाशनों पर ग्रन्थ विज्ञान (अक्तूबर 1998)
टूना एवं टूना जैसे संसाधन भारतीय सागर में शोषण के लिए उपलब्ध संभाव्य संसाधन है। इस प्रकाशन में अनुसंधानकर्ताओं के हित के लिए भारत में प्रकाशित टूना पर वैज्ञानिक शोध कागज़ात एवं अन्य प्रलेखों का संकलन किया है। मात्स्यिकी, जीव विज्ञान, जनसंख्या गातिकी, समन्वेषी सर्वेक्षण, वाणिज्यिक मत्स्यन टूना मात्स्यिकी के वितरण एवं विकास संभावनाओं पर संदर्भ इसमें सम्मिलित किया है।
वी एस सोमवंशी एवं एन्टनी जॉसफ
उत्तर-पश्चिमी तट के समीप मछली अवतरणों के प्रमुख घटक रिब्बन फिश रही। जनसंख्या पर अध्ययन का परिणाम वर्ष 1977 में पोत एम टी मुरैना द्वारा संचालित सर्वेक्षण में संग्रहित सामग्री के आधार पर ट्रिचियूरुस लेप्टूरुस लिन्नेइयस का स्टॉक निर्धारण एवं प्राचल प्रस्तुत किया है। विश्लेषण से वृद्धि प्राचल लू को 109 सेमी एवं के को 0.64 के रुप में प्रजातियों के लिए आकलित तात्कालिक नैसर्गिक मार्त्यता गुणांक एम तथा कुल मार्त्यता गुणांक जेड क्रमशः 0.8 तथा 2.16 रहा। प्रजातियों के पकड़ प्रति यूनिट प्रयत्न पर भौगोलिक, बेथिमेट्रिकल तथा मौसमी प्रभाव जानने के लिए किए गए अन्तर का विश्लेषण सूचित करता है कि मौसमी प्रभाव जानने के लिए किए गए अन्तर का विश्लेषण सूचित करता है कि मौसमी द्वारा प्रचुरता प्रभावित नही है और इसका अध्ययन तीन स्थानिक प्रभाग अर्थात (1) अक्षांश 15-18 उ(2) अक्षांश 19-27 20 उ एवं (3) अक्षांश 21-23 उ द्वारा किया जाना है, तथा 50-100 मी. तथा 100-200 मी गहराई क्षेत्र के लिए अलग किया जाना है। उत्तर पश्चिम तट के लिए निर्धारित रिब्बन फिश का जैव मात्रा एवं एम एस वाई क्रमशः 156 हजार टन तथा 70 हजार टन है।
एम ई जॉन एवं के एस एन रेड्डी
लाँग लाइन सर्वेक्षण में संग्रहित आँकड़े पर भारतीय समुद्र में येलो फिन टूना, थुन्नस अलबकेरस की आबादीय गतिकी पर अध्ययन का परिणाम इस पर्ची में प्रस्तुत है। 1983-88 के दौरान भारतीय अनन्य आर्थिक क्षेत्र एवं समीपस्थ क्षेत्र के महासागरीय जल का सर्वेक्षण किया गया। येल्लो फिन टूना का लम्बाई वजन संबंध को डब्ल्यू = 0.000049557 एल 2.8055 के रुप में निर्धारित किया है। प्राप्त वॉन बेरट्लनफी प्राचल लू = 175 सेमी तथा के 0.29 है। नैसर्गित मार्त्यता गुणांक 0.74 के रुप में आकलित किया है। आँकड़ा नियंत्रण को देखते हुए परिणाम को प्रारंभिक समझा है।
आर एस बिरादर
1984-1987 के दौरान 3 गहराई स्तर अर्थात 50 मी. से कम, 50-100 मी. 100-200 मी को सम्मिलित कर भारत के उत्तर पश्चिम तट से दूर अक्षांश 15 0 उ से 22 उ के बीच बोट्टम ट्रॉल सर्वेक्षण किया गया। विविध गहराई क्षेत्र 50 मी. गहराई से कम की तुलना में अधिक उत्पादक है। अक्टूबर से दिसबंर के दौरान स्टॉक घनत्व उच्च रहा तथा जुलाई से सितम्बर के दौरान निम्नतम रहा। प्रति वर्ष 25,000 टन अधिकतम संपोषित उपज के साथ पी हेमरुर का कुल जैविक मात्रा 88.560 टन आकलित किया था। मानसून (जुलाई-सितम्बर) के दौरान स्टॉक घनत्व तथा प्रजातियों से मिलन का अवसर कम थे। यह स्टॉक के संभाव्य चाल या देशांतरण का संकेत करता है। प्राचल के संबंध में स्टॉक का वितरण समय स्थान से अधिक चाल या देशांतरण की परिकल्पना पर आगे प्रकाश डालेंगे।
के पी फिलिप एवं डी एम अली
इस शोध पर्ची में भा. मा. स. द्वारा संचालित ट्रॉल सर्वेक्षण के आधार पर वेड्ज बैंक में एस फराओनिस के आबादीय प्राचल एवं स्टॉक साइज का आकलन करने का प्रयास किया है। वोन बेरटनलफी प्लोट का प्रयोग कर लू और के को 37.0 सेमी एवं 0.5 वर्ष-1 के रुप में परिकलित किया है कुल मृत्युदर जेड को 1.1 आकलित किया है। इस क्षेत्र से एस फरोनिस का कुल जैविक मात्रा 2060 टन आकलित किया है।
ए शमीम
भारत के पूर्वी तट पर काकिनाडा एवं वाल्टेयर से मलबार ट्रेवल्ली, केरनगोइड्स मलबारिकस के नमूने खण्डों के लक्षण एवं शरीर के खंडों के लक्षण के लिए ची- वर्ग परीक्ष का प्रयोग कर मोरफोमेट्रिक चरित्र के लिए बहुचर विश्लेषण से तुलना की जाती है। छह शरीर के खण्डों के लक्षण तथा छह शरीर मापन का विश्लेषण किए गए।
ए ए जयप्रकाश
इस शोध पर्ची में कोच्चिन में 1981 से 1987 तक ड्रिफ्ट गिलनेट मात्स्यिकी का विवरण प्रस्तुत किया है। वार्षिक पकड़/प्रयत्न 1982 से 1987 तक 93 किग्रा से 176 किग्रा उच्चस्थ की ओर उन्मुख दर्शाता है। 1981-87 के मात्स्यिकी में योगदान की गई मुख्य मछलियों का समूह टूना तथा बिल फिश (37.8%), सीर फिश (19.1%), इलास्माब्रान्चस(4.4%), केट फिश (13.4%) केरेन्गिड (5.5%) पोमफ्रेट (5.3% 8 तथा मैकरेल (1.6%) रही।
के विजय कुमारन तथा एस के नाइक
दुर्बल मत्स्यन ऋतु के दौरान अशांक्ष एवं विविध गहराई क्षेत्र के संबंध में स्टेटग्राफिक्स का प्रयोग कर प्रचुरता का विश्लेषण करने का प्रयास इस पर्ची में किया है। औसतन पकड़ दर के बीच कोई महत्वपूर्ण व्यतियान मार्च और सितम्बर के लिए नहीं अवलोकन किया गया जिससे यह सूचित होता है कि यह एकल स्टॉक मात्स्यिकी है मार्च एवं सितम्बर माह के लिए कुल आकलित जैवमात्रा 2414.59 टन एवं 27598.52 है।
बी राम भास्कर, के श्रीनिवास रा, डी पाण्डुरंग राव तथा वाई वी के दुर्गा प्रसाद
विशाखापट्टणम भीतरी बंदरगाह (प्रदूषित स्थान) तथा गोस्तानी ज्वार मुहाना, भीमिलिपटनम (नियंत्रण स्थान) से मुल्लेट (म्युजिल सेफलु तथा लिजा मेक्रालेपिस) का तुलनात्मक लम्बाई समूह का अवस्था कारक (क्यू) का आकलन किया गया। गोस्तानी जवार मुहाना की मुल्लेट से बंदरगाह जल की मुल्लेट के मामले में अवस्था कारक बहुत कम पाया गया है। इन एल (लम्बाई समूह) का मध्य बिन्दु के अनुकूल सहित इन डब्ल्यू (इन अर्थात वजन) के परिवर्तन का विश्लेषण उप विचलन के रुप में दोनों जल के मुल्लेट के बीच महत्वपूर्ण व्यतियान दर्शाया है । बंदरगाह जल से मछलियों का निम्न अवस्था कारक जो कि जल में भारी धातु, तेल एवं ग्रीस के उच्च संकेन्द्रण के कारण मछलियों की तन्दुरुती पर प्रभाव पडता है।
एस के मण्डल
चयन का प्रभाव वर्णन करने हेतु आंकडा पर लगा दो चयन वक्र के एक परिकल्पनात्मक उदाहरण अध्ययन में प्रस्तुत किया है ।
एन्टनी जोसेफ एवं वी एस सोमवंशी
इस शोध पर्ची में 1977 में उत्तर पश्चिम तट के समीप पोत एम टी मुरैना के छह समुद्र यात्रा क्रूस के दौरान संग्रहित हॉर्स मैकरेल, मेगलासपिस कोराडिला पर आँकड़े का विस्तुत विश्लेषण प्रस्तुत किया है। परिणाम इस पेलाजिक प्रजातियों के कुछ व्यवहारात्मक चरित्र सूचित करता है। (1) 200 मी. गहराई तक अधस्तल परत में बडे समूह में होता है। (2) रात के दौरान उच्च घनत्व में झुण्ड (3) 000-4000 घंटे के दौरान पेलाजिक ट्रॉल में अतिसंवेदनशील झुण्ड का संचय । जनवरी-मार्च के दौरान प्रजातियाँ प्रचुरता में पाई गई। पेलाजिक स्टॉक का निर्धारण के लिए स्वेप्ट आयतन द्वारा जैव मात्रा का निर्धारण का एक नया परिवेश का सुझाव दिया है। इस प्रणाली में ध्वनिक के साथ पेलाजिक ट्रॉल सर्वेक्षण निवेश होगा । पकड़ गुणांक, में विभन्नता, झुण्ड में रहने की आदत तथा छोटे पेलाजिक का प्रवसन के कारण इस प्रणाली का सीमा निर्धारण पर चर्चा की है।
यह प्रकाशन 1946 में इसके प्रारंभ से समन्वेषी मात्स्यिकी परियोजना के पोतों के विविध वर्गों द्वारा प्रचालित ट्रॉल नेट के अभिकरण के साथ संबंध रखता है। निर्माण पर प्रमुख ब्यौरा के साथ जाल का विविध भाग का विवरण दिया गया है। दो सीम फिश ट्रॉल तथा चार सीम श्रिम्प ट्रॉल के विविध आकार के निर्माण चित्र एवं आँकड़ा पोतों एवं ओट्टर बोर्ड के साथ जिससे जाल का प्रचालन किए गए थे का ब्यौरा सहित विशेष उल्लेख किया है। अवधि के दौरान विविध आकार के ओट्टर बोर्ड का प्रयोग परियोजना पोतों द्वारा किया गया, विशेषकर परम्परागत चपटा प्रकार एवं हाल ही में प्रारंभित ओवल प्रकार। रिग्गिंग स्वरुप के साथ विशेष मापन सहित चित्र प्रस्तुत किया है। ट्रॉल जाल का विविध आकार का लागत विवरण एवं तकनीकी शब्दावली भी दी है।